सिविल सेवा परीक्षा: एक संक्षिप्त परिचय
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत का एक संवैधानिक निकाय है, जो हर वर्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) तथा अन्य प्रतिष्ठित सेवाओं जैसे कि भारतीय राजस्व सेवा (IRS), भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS), और भारतीय कंपनी कानून सेवा (ICLS) आदि के लिए उम्मीदवारों का चयन करता है। यह परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है, जिसमें हर वर्ष लाखों अभ्यर्थी भाग लेते हैं। हालांकि, इनमें से केवल कुछ ही प्रतिभाशाली उम्मीदवार “राष्ट्र निर्माताओं” के रूप में इन उच्च पदों तक पहुंचने में सफल होते हैं।
यह परीक्षा तीन प्रमुख चरणों में आयोजित की जाती है:
1. प्रारंभिक परीक्षा (Prelims)
2. मुख्य परीक्षा (Mains)
3. साक्षात्कार (Interview)
1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
यह सिविल सेवा परीक्षा का पहला चरण होता है, जिसकी प्रकृति पूर्णतः वस्तुनिष्ठ (Objective) होती है। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से एक सही उत्तर का चयन करना होता है, जिसे उम्मीदवार को OMR शीट पर काले बॉल पेन से अंकित करना होता है।
- प्रारंभिक परीक्षा कुल 200 अंकों की होती है और इसमें दो पेपर शामिल होते हैं:
- सामान्य अध्ययन (General Studies – Paper I): 100 प्रश्न, 200 अंक
- सीसैट (CSAT – Paper II): 80 प्रश्न, 200 अंक – यह केवल योग्यता (Qualifying) प्रकृति का होता है, जिसमें न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
- दोनों पेपरों में निगेटिव मार्किंग लागू होती है, जिसके तहत हर तीन गलत उत्तर पर एक सही उत्तर के बराबर अंक काटे जाते हैं।
- कट-ऑफ केवल सामान्य अध्ययन (Paper I) के आधार पर तय की जाती है।
2. मुख्य परीक्षा (Main Examination)
मुख्य परीक्षा उन अभ्यर्थियों के लिए होती है, जो प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। यह परीक्षा पूर्णतः वर्णनात्मक (Descriptive) होती है और इसका उद्देश्य उम्मीदवारों की विश्लेषणात्मक क्षमता, लेखन शैली और गहराई से सोचने की योग्यता का मूल्यांकन करना होता है।
- यह परीक्षा 1750 अंकों की होती है, जिसमें निम्नलिखित प्रश्नपत्र शामिल होते हैं:
- सामान्य अध्ययन: 4 पेपर, प्रत्येक 250 अंक = 1000 अंक
- वैकल्पिक विषय: 2 पेपर, प्रत्येक 250 अंक = 500 अंक
- निबंध (Essay): 1 पेपर, 250 अंक
- इसके अतिरिक्त, दो क्वालिफाइंग पेपर भी होते हैं (300-300 अंक के):
- एक अंग्रेजी में
- दूसरा हिंदी या संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित किसी अन्य भाषा में
इन दोनों पेपरों में न्यूनतम 25% (75 अंक) लाना अनिवार्य होता है, लेकिन इनके अंक मेरिट में नहीं जोड़े जाते।
- प्रश्नपत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों में प्रकाशित होते हैं, और अभ्यर्थी को 8वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में उत्तर लिखने की अनुमति होती है (साहित्य विषयों में विशेष शर्तों के साथ)।
3. साक्षात्कार (Interview / Personality Test)
मुख्य परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार चरण के लिए बुलाया जाता है, जो अंतिम और अत्यंत निर्णायक भाग होता है।
- यह चरण आमतौर पर फरवरी से अप्रैल के बीच आयोजित होता है और इसका आयोजन यूपीएससी मुख्यालय, नई दिल्ली में होता है।
- यह परीक्षा पूरी तरह से मौखिक होती है, जिसमें एक बोर्ड द्वारा उम्मीदवार के व्यक्तित्व, सोचने की क्षमता, दृष्टिकोण, सामाजिक जागरूकता, और निर्णय लेने की क्षमता का आकलन किया जाता है।
- इंटरव्यू के लिए कुल 275 अंक निर्धारित हैं। हालांकि यह अंक मुख्य परीक्षा (1750 अंक) की तुलना में कम प्रतीत होते हैं, लेकिन अंतिम चयन और रैंक निर्धारण में इनका बड़ा योगदान होता है।
- इस चरण में कोई निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं होता – उम्मीदवार से किसी भी विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जिससे यह चरण अप्रत्याशित और चुनौतीपूर्ण बनता है।
- साक्षात्कार प्रक्रिया आमतौर पर 40 से 50 दिनों तक चलती है और अंतिम इंटरव्यू के एक सप्ताह के भीतर अंतिम मेरिट सूची जारी की जाती है।
निष्कर्षतः, सिविल सेवा परीक्षा केवल एक प्रतियोगी परीक्षा नहीं बल्कि एक व्यक्तित्व, मानसिक दृढ़ता और धैर्य की परीक्षा है। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करना न केवल कठिन होता है, बल्कि इसके लिए दृढ़ निश्चय, निरंतर अभ्यास, और गहन तैयारी आवश्यक होती है।