बलूचिस्तान संकट: पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता की कहानी

पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत एक बार फिर से सुर्खियों में है। यहां बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य विद्रोही संगठनों की गतिविधियाँ लगातार तेज होती जा रही हैं। हाल की घटनाएं इस क्षेत्र में गहराते असंतोष और पाकिस्तान सरकार की नाकाम नीतियों को उजागर कर रही हैं।


जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हाईजैक का चोकांक

11 मार्च 2025 को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया। इस ट्रेन में करीब 380 यात्री सवार थे। हमले में 64 लोगों की जान चली गई, जिनमें 33 हमलावर भी शामिल थे। पाकिस्तानी सेना ने ‘ऑपरेशन ग्रीन बोलन’ चलाकर 354 बंधकों को रिहा कराया। इस घटना ने पूरी दुनिया का ध्यान बलूचिस्तान की ओर खींचा।


BLA द्वारा वीडियो जारी

BLA ने पहली बार हाईजैक की घटना का वीडियो जारी किया, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों को घुटनों पर बैठा दिखाया गया। यह वीडियो पाकिस्तान के लिए शर्मनाक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमानजनक रहा। यह एक स्पष्ट संदेश है कि बलूच विद्रोह अब और अधिक संगठित और मजबूत हो चुका है।


ऑपरेशन हेरोफ 2.0: समन्वित हमला

BLA ने “ऑपरेशन हेरोफ 2.0” के तहत पाकिस्तान के विभिन्न जिलों में 58 स्थानों पर 78 हमले किए। यह बलूच विद्रोहियों की शक्ति और संगठित नेटवर्क का परिचायक है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक बलूचिस्तान को स्वतंत्रता नहीं मिलती, संघर्ष जारी रहेगा।


पाकिस्तानी सेना का बल प्रयोग

इन घटनाओं के बाद पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में दमनकारी अभियान शुरू किया है। नागरिकों की जबरन गिरफ्तारी, गुमशुदगी और मानवाधिकार हनन की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। सेना का यह बल प्रयोग स्थिति को और बिगाड़ रहा है।


सिंध में भी असंतोष

बलूचिस्तान के साथ-साथ सिंध प्रांत में भी आजादी की मांगें तेज हो गई हैं। सिंधी राष्ट्रवादी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो वे जेलों के गेट बंद कर देंगे। इससे पाकिस्तान के लिए संकट और गहरा हो गया है।


निष्कर्ष

बलूचिस्तान में बढ़ता विद्रोह पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। दमन और सैन्य कार्रवाई से हालात नहीं सुधरेंगे। जरूरत है एक संवादात्मक, लोकतांत्रिक और मानवाधिकार-आधारित नीति की, जिससे बलूच लोगों को सम्मान, आत्मनिर्णय और न्याय मिल सके।

बलूचिस्तान अब सिर्फ पाकिस्तान की आंतरिक समस्या नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बनता जा रहा है।

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